कुछ नशा तिरंगे की मान का है।
इसी तरह लहराएंगे हम तिरंगा।
नया हिंदुस्तान की शान है।
परम आदरणीय अध्यक्ष जी सम्मानीय मुख्य अतिथि ,माननीय प्रधानाचार्य जी, श्रद्धेय गुरुजन एवं मेरे प्यारे साथियों आज के इस विशेष अवसर पर उपस्थित आप सभी सम्मानीय विशिष्ट जनों को 72 वे गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
आज का दिन उन देशभक्तों के त्याग, तपस्या, सैर्य और बलिदान की अमर कहानियों को याद करने का दिन है जिनके कारण हम गणतंत्र स्थापित कर सके हैं मित्रों शताब्दियों की पर्यत्न उपरांत हमने 15 अगस्त 1947 को आजादी पाई थी।
देश के स्वतंत्र होने के 2(1/2)साल पश्चात 26 जनवरी 1950 को देश के कर्णधार ने भारत के नवीन संविधान को लागू किया तभी से भारत का सर्वोच्च शासक राष्ट्रपति कहलाता है। और 26 जनवरी से 1950 से ही आज के दिन को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
साथियों भारतवर्ष में स्वराज के लिए हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने पूरे जीवन भर संघर्ष किया उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान भी दिया था। ता कि उनकी आने वाली पीढ़ी यानी हमें कोई संघर्ष न करना पड़े और हम देश को आगे लेकर जा सके साथियों आजाद भारत अनेक सफलताएं अर्जित कर विश्व जगत को अपना लोहा मनवा रहा है ।
एक तरफ जहां हमारे किसानों ने हमें खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया वही सीमा पार देश के वीर जवान भारत माता की आन शान को रक्षा के लिए खड़े हैं और जहां देश के वैज्ञानिक निरंतर नवीन अविष्कार करके भारत का नाम रोशन कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ हमारे देश के उद्योगपति देश के विकास की नई नई संभावनाएं तलाश रहे हैं ।देश के अध्यापक डॉक्टर इंजीनियर हो या राष्ट्र के बुद्धिजीवी समाजसेवी या राजनीतिक हो सभी देश की तरक्की में अपना योगदान दे रहे हैं।
आज भारत जल थल और नभ अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहा है ।परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनने के साथ-साथ हमने मंगल तक का सफर पूर्ण किया है ,विश्व की पांच बड़ी अर्थव्यवस्था में से भारत एक है ।विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना हमारी है, हमने हर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया है। इस तमाम उपलब्धियों के साथ हमने चेचक पोलियो जैसी विकराल महामारी से देश को बचाया है। और आज हम कोरोना रूपी महामारी से लड़ रहे हैं।
ताली ताली से शुरू हुई यह लड़ाई अब टीकाकरण तक आ पहुंची है ।हमें विश्वास है हम जल्द ही इसे भी मुक्ति पा लेंगे साथियों जहां भारत में सफलता के नए नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
वह कुछ कमियां भी हैं आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश अपराध भ्रष्टाचार और हिंसा जैसी समस्या से जूझ रहा है यह सभी को भलीभांति मालूम है आज हमें फिर से एक बार साथ मिलकर अपने देश से बुराइयों को बाहर निकाल फेंकना है।
जैसे स्वतंत्रता सेनानी नेताओं ने अंग्रेजों को हमारे देश से बाहर बाहर निकाल फेंका था। हम भारत को फिर से महात्मा गांधी भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद ,लाजपत राय ,सरदार वल्लभभाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री ,इन स्वतंत्रता सेनानियों से सपनों को भारत बनाना ।
जय हिंद ।। जय भारत।। वंदे मातरम।।
0 टिप्पणियाँ