26 जनवरी देश का गणतंत्र दिवस एक महत्वपूर्ण दीन है,  इसी दिन देश को अपना सविधान मिला था। इसी संविधान के जरिए पूरा देश चलता है, और इसलिए यह दिन भारतीयों को जीवन का जीने का एक खास दिन है, इस दिन दिल्ली के राजपथ पर पूरे देश के अलग-अलग राज्य की झांकी निकलती है जिसमें पूरा देश देखता है। और अलग- अलग-अलग राज्यों की संस्कृति, कला, नृत्य, दिखता है। गणतंत्र दिवस का भाषण

कैसे चुने जाते हैं CHIEF GUEST 2021



गणतंत्र दिवस पर तीनों सेना जल सेना, थल सेना, वायु सेना, अपने शौर्य का प्रदर्शन दिखाती है, और बताती है कि उनकी मुस्तैदी हमारी सुरक्षा की गारंटी है ।लेकिन यह दिन एक और मायने में हमारे लिए खास होता है।

 वह इसलिए कि हर साल इस मौके पर किसी दूसरे देश का सर्वोच्च नेता इस गणतंत्र दिवस की परेड के मुख्य अतिथि बनता है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड के मुख्य अतिथि

 सूरीनाम गणराज्य के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संदूकी आमतौर चीफ गेस्ट के रूप में शामिल होंगे। संदूकी की प्रवासी भारतीय दिवस में भी शामिल हुए थे। यह भारतीय मूल के व्यक्ति है


मुख्य अतिथि कैसे चुना जाता है।-:

भारत हर साल अपने मित्र देशों को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाता है। भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रुप में आने वाले व्यक्ति प्रोटोकॉल के हिसाब से सबसे ऊपर होता है। इस सम्मान का हकदार दुनिया का कौन सा व्यक्ति इसे विदेश मंत्रालय तय करता है, इसके लिए विदेश मंत्रालय 6 महीने पहले योजना बनाने लगता है।

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उस गणतंत्र दिवस का मुख्य अतिथि कौन होगा। इसके लिए देखा जाता है ।किस देश के साथ भारत के संबंध अच्छे हैं। विदेश मंत्रालय देश के साथ अच्छे रिश्ते रखने वाले देशों के राष्ट्रीय अध्यक्षों की लिस्ट प्रधानमंत्री के पास है। .फिर प्रधानमंत्री जो चाहे कर सकता है ।वह उसके बाद राष्ट्रपति के पास भेजने दी जाती है।

राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद उन देशों में नियुक्त किए गए भारत के राजदूतों से बात  की जाती है। फिर इनविटेशन भेजा जाता है। और इसका नाम फाइनल कर दिया जाता है। जो प्रधानमंत्री की तरफ से  लंच राष्ट्रपति की तरफ से डिनर करवाया जाता है ।चीफ गेस्ट गणतंत्र दिवस की परेड मैं भारत के राष्ट्रपति के साथ सेना को सलामी देता है।

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जब भारत 1950 को अपना पहला गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट कर रहा था। उस समय इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सूखन शेफ मुख्य अतिथि बने थे। लेकिन 1952 की पुरेड में कोई भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल नहीं हुई थी।1966 की परेड में किसी को भी । चीफ गेस्ट के रुप में नहीं बुलाया गया।

गणतंत्र दिवस की शायरी-:

      1      इस दिन के लिए वीरों ने खून बहाया है ।

          झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है।।

2 याद रखना विरो तुमको हरदम यह बलिदान तुम्हारा है 

         हमको तो जान से प्यारा है। गणतंत्र हमारा है।।

3  ना सरकार मेरी ना रॉब मेरा ना बड़ा सा नाम मेरा      मुझे  तो एक छोटी सी बात का गर्व है ।

       मैं हिंदुस्तानी हूं ,और हिंदुस्तान मेरा है ।।

4  किसकी राह देख रही है,।

 तू खुद सिपाही बन जाना सरहद पर ना सही अंध्यारो से लड़ जाना।।

 5 विकसित होता है। राष्ट्र हमारा रंग लाती हर कुर्बानी फक्र से अपना परिचय देते हैं, हम सभी हिंदुस्तानी हैं ।।

  6   जमाने भर में मिलते हैं। आशिक कई 

          मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता।

         नोटों में भी लिपट कर  मरे हैं ,कयी

         मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता है