Example for Operating System:-

ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर हार्डवेयर और कंप्यूटर यूजर के बीच का कार्य करता है ।ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत दक्षता व सरलता के साथ सभी एप्लीकेशन प्रोग्रामों को संतुलित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर प्रोग्राम को execute करके यूजर प्रॉब्लम को आसानी से सोल करता है।

Example for Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण)


ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर को कार्य करने योग्य बनाता है। यह हमारे द्वारा प्रयोग में लिए जाने वाले सभी प्रोग्रामों को चलाने में सहायक करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर को कंट्रोल करता है ।बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के कोई भी कंप्यूटर डिवाइस काम नहीं करता है। अतः ऑपरेटिंग सिस्टम कई डिवाइसों के लिए जरूरी है जैसे कंप्यूटर ,मोबाइल ,डिवाइस और वीडियो गेम और सुपर कंप्यूटर इत्यादि डेक्सटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ उदाहरण या दिए गए हैं। जैसे माइक्रोसॉफ्ट विंडो, मेक,ओएस, लाइन, ओएस, यूनिक्स इत्यादि। और मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण ।


कंप्यूटर सिस्टम की संरचना:

1.हार्डवेयर:.         इस सिस्टम में मेन मेमोरी आउटपुट इनपुट डिवाइस होते हैं।

2. सिस्टम सॉफ्टवेयर:.       सिस्टम सॉफ्टवेयर में ऑपरेटिंग सिस्टम, सिस्टम सॉफ्टवेयर का कंपोनेंट होता हैै। इसमें प्रोसेस मैनेजमेंट रूटीन्स, मेमोरी बाग मैनेजमेंट रूटिन्स , इनपुट /आउटपुट कंट्रोल रूटीन्स वह फाइल मैनेजमेंट रूटीन्स आदि शामिल है।

3. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर:.     यह ऐसा प्रोग्राम होता है ।जिसमें यूजर द्वारा एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के जरिए अपनी जरूरत के अनुसार उपयोग में लिया जाता है ।तथा कार्य करने हेतु ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता होती है।

ऑपरेटिंग सिस्टम फंक्शन:

  • रिसोर्स मैनेजमेंट:-.       कंप्यूटर के लिए सभी रिसॉर्ट को उपलब्ध करवाता है जिनमें मुख्यत मेमोरी मैनेजमेंट प्रोसेस ,मैनेजमेंट डिवाइस आदि शामिल होते हैं ।एक ऑपरेटिंग सिस्टम कई बेसिक कार्य करता है। जैसे कि कंट्रोलिंग और मेमोरी एप्लीकेशन इनपुट ,आउटपुट डिवाइस को कंट्रोल नेटवर्किंग को मजबूत करना ,फाइल सिस्टम मैनेज करना हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की शेयरिंग को अलाव करना एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को पोर्टेबल बनाना, यूजर प्रोग्राम के बीच सिक्योरिटी और प्रोजेक्ट करना ,एरर को ढूंढना ,फाल्ट को कम करना ,रिकोन फिंगर करना।
  • Example for Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण)


  • एप्लीकेशन और यूजर के बीच इंटरफेरेंस: ऑपरेटिंग सिस्टम एक्यूजर के लिए इंटरफेरेंस की तरह कार्य करता है।
  • प्रोग्राम:      एप्लीकेशन प्रोग्राम और मशीन हार्डवेयर के बीच इंटरफेरेंस का कार्य करता है।

Kinds Of Operating System

एंम्बेडेड ऑपरेटिंग सिस्टम:.        इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम एंबेड कंप्यूटर सिस्टम के लिए बने होते हैं ।जैसे हैण्ड हेल्ड कंप्यूटर्स अथवा डिवाइस जैसे पीडीए और स्मार्टफोन इन ऑपरेटिंग सिस्टम को रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहते हैं।

नेटवर्क कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम:.      इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम ऐसे कंप्यूटर में प्रयोग होतेे हैं। जो आपस में एक नेटवर्क से जुड़े़े़े होते हैं।तथा नेटवर्कक में जुड़े कंप्यूटर के बीच फाइल और प्रिंटर एक्सेस को शेयर ,डाटा को शेयर, यूजर्स को शेयर, एप्लीकेशन और कई नेटवर्किंग फंक्शन को लेने अथवा  प्राइवेट नेटवर्क के द्वारा शेयर किया जाता है। इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ उदाहरण है ।जैसे नेटवेयर, विंडो एक्स, पी सरोवर नेटवर्क।

डेक्सटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम:.     यह एक सिंगल कंप्यूटर डिवाइस पर कार्य करता है ।जैसे कि macऑपरेटिंग सिस्टम , windows 10आदि डेक्सटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण।

graphical user interface(ग्राफिकल यूजर इंटरफैस):.        ग्राफिकल यूजर इंटरफैस एक इंटरफ़ेस होता है जोकि यूजर को ग्राफिक्स आइकन का प्रयोग करके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से इंटरेक्ट करने की सुविधा प्रदान करता है इसके विपरीत कमांड यूजर इंटरफेस के कमांड पर आधारित नेविगेशन किया जाता है ग्राफिक्स यूजर इंटरफ़ेस का उदाहरण विंडोज के वर्जन Linux and mac आदि है विंडोज 10 एकदम नया वर्जन है जबकि MS dos Unix आदि कमांड लाइन इंटरफ़ेस का उदाहरण है।

ग्राफिक्स यूजर इंटरफेस के साथ मॉडर्न विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम वर्जन के द्वारा कई प्रकार के ऑपरेशन को यूज़ के लिए किया जाता है।

  1. WYSIWYG:-.     स्क्रीन पर प्रदर्शित इमेज पेपर पर होने वाली इमेज से हुबहू मिलनी चाहिए।
  2. इमेज स्कैनिंग:.      स्कैन की गई इमेज का कंप्यूटर स्क्रीन पर तत्कालिक विजुअल रिप्रेजेंटेशन इमेज स्कैनिंग कहलाता है ताकि यूजर से तुरंत फीडबैक मिल सके।
  3. प्रोसेबल ग्राफिक्स:।         इसके अंदर   ऐसएप्लीकेशन पैकेज जैसे फोटोशॉप वह फायरवर्क्स जो इमेज को मेनू प्लेट कर सकते हैं। और शामिल किया जा सकता है।
  4. एनिमेशन:.      विजुअल आधारित टीचिंग प्रोसेस से टच सेेंसिटिव  सूचना की ओस्कर तक लगभग सभी प्रकार के एप्लीकेशन   में इनका उपयोग होता है।

विंडो इंटरफेस को ग्राफिक्स यूजर इंटरफ़ेस भी कहते हैं यह माउस अथवा आइकन के द्वारा उपयोग में लिया जाता है विडों के द्वारा किसी विशेष प्रोग्राम और प्रोसेस के द्वारा उपयोग में लेने हेतु एक विंडो एप्लीकेशन आवंटित किया जाता है। जिसमें टाइटल बार मेनू बार और विजेट्स होते हैं।

यह भी पढ़ें-

कम्प्यूटर सिस्टम

Hardware

Internet क्या है

GUI के लाभ और हानि:

GUI के लाभ:.                 सामान्यत: ग्राफिक्स यूूजर इंटरफैस पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम के यूजर आसानी से  कंप्यूटर को बिना किसी समस्या  के ऑपरेट कर सकते हैं । यूजर को सीखने में कम समय लगता है ।उसे बॉक्स को ओपन करके किट को जोड़ने और प्रोडक्शन काम को शुरू करने में समय व्यर्थ नहीं करना पड़ता है । यूजर को प्रोम्पट्स, अलर्टस, माउस मूवमेंट ऑब्जेक्ट्स पर डबल क्लिक कर तुरंत प्रतिक्रिया तथा फीडबैक प्राप्त हो जाता  है guiमें गलतियों को आसानी से डिकेट किया जा सकता है ।और आसानी से ही सही भी किया जा सकता है। अगर आपने एक बार ऑपरेटिंग सिस्टम यूज़ करना सीख लिया है। तो इसी प्रकार के दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम पर उन स्किल्स को उसे करना काफी सरल होता है उदाहरण macos

GUIकी हानि: ग्राफिक्स यूजर इंटरफैक्स से अधिक मेमोरी और तेज प्रोसेस की आवश्यकता होती है। ताकि इमेज को डिस्प्ले और उन्हें मेनू प्लेट किया जा सके। स्किल्ड व्यक्ति उसी कार्य को guiकी तुलना में कम स्टेप्स को यूज करत हूं पूर्ण कर लेने की क्षमता रखते हैं।  जैसे की फाइल को कॉपी करना

Example for Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण)


कमांड लाइन इंटरफेस के लाभ हानि:

लाभ: कमांड लाइन इंटरफेस अधिक पावरफुल फ्लैक्सिबल होता है ।यह अनुभव व्यक्ति के लिए काफी फास्ट होता है। इसमें  कमांड्स को जोड़ सकते हैं ।इस इंटरफेस को इंप्लीमेंट करना आसान होता है। इसमें हार्डवेयर सॉफ्टवेयर को भी कम आवश्यकता होती है। सॉफ्टवेयर कम जटिल तथा आसानी से लिखे जा सकते है।

हानि:.      इस इंटरफेस को सीखना और प्रयोग करना             कठिन है इसे सीखने के लिए अधिक ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है। इस इंटरफेस  पर काम करने से पहले कमांड याद होना चाहिए।