Electric flux (विद्युत फ्लक्स):-.    

   किसी विद्युत क्षेत्र में स्थित किसी पृष्ठ के लंबवत गुजरने वाली विद्युत बल रेखाओं की संख्या उस पृष्ट से संबंध विद्युत फ्लक्स कहलाता है ।इसे व्यक्त किया जाता है। धन आवेश के कारण निर्गत फ्लक्स ऋण आवेश के कारण प्रवेशित फ्लक्स प्राप्त होता है।

विद्युत फ्लक्स एक अदिश राशि है 

             Φₑ=E.S

⃗              d Φₑ=E ds cosθ

विद्युत क्षेत्र की तीव्रता व अल्पांश क्षेत्रफल का अधिक गुणनफल विद्युत फ्लक्स के बराबर होता है।

 विशेष स्थिति :

  1. यदि θ= 0तोΦⁿₑ=EA यानी किसी पृष्ठ की लंबवत गुजरने वाला विद्युत क्षेत्र अधिकतम विद्युत फ्लक्स उत्पन्न करता है
  2. यदि θ=90º तो Φₑ=0यानी किसी पृष्ठ के समांतर विद्युत क्षेत्र कोई विद्युत फ्लक्स उत्पन्न नहीं करता।
  3. यदि θ=180ºतोΦₑ=-EA
 विद्युत फ्लक्स का  मात्रक:.  

 विद्युत फ्लक्स एक अदिश राशि है। जिसका SI मात्रक वेबर CGS मात्रक मैक्सवेल है। विद्युत फ्लक्स का Si मात्रक वोल्ट मीटर(V/m) तथा भी होता है

विद्युत फ्लक्स की विमा:.       [ M¹  L³  T⁻³  A⁻¹]

नोट:.     यदि किसी तल में विद्युत बल रेखाएं बाहर निकल रही है ।तो उससे बद विद्युत फ्लक्स धनात्मक होता है और यदि विद्युत बल रेखाएं अंदर की ओर हो तो विद्युत फ्लक्स ऋणात्मक होता है।

किसी एक समान विद्युत क्षेत्र में पृष्ठ का विद्युत फ्लक्स ज्ञात करने के लिए उस पृष्ठ को छोटे-छोटे अल्फांसो में बांटा जाता है ।और उन अल्फांसो का विद्युत फ्लक्स ज्ञात करने के लिए इनकी योगफल द्वारा संपूर्ण पृष्ठ का विद्युत लक्ष्य प्राप्त किया जाता है।

Gauss theorem(गाउस प्रमेय):-

गाउस ने किसी बंद पृष्ठ से गुजरने वाली विद्युत फ्लक्स और उस पृष्ट में उपस्थित आवेश के बीच संबंध बताने के लिए एक नियम का प्रतिपादन किया जिसे गाउस  प्रमेय कहते है।

इसके अनुसार किसी बंद पृष्ट से गुजरने वाला संपूर्ण विद्युत फ्लक्स उस पृष्ट द्वारा परीबध्द कुल आवेश का 1/ε₀गुना होता है। यदि किसी बंद पृष्ट द्वारा परिबध्द कुल आवेश q हो तो गाउस की प्रमेय से उस पृष्ठ से गुजरने वाला संपूर्ण विद्युत फ्लक्स

               Φₑ=  ᑫ/ε₀

जहां ε₀निर्वात अथवा वायु की विद्युतशीलता है।

         ∈₀=8.85⨯10⁻¹²  C²/Nm⁻²

विशेष:.       किसी बंद पृष्ट के अंदर आवेश रखे हैं तो नेट आवेश

         ‌‌qₙₑₜ=(q₁-q₂ -q₃ -q₄)

नोट:-.   किसी आवेश बंद पृष्ट बाहर स्थित है। तो उस बंद पृष्ट से गुजरने वाला संपूर्ण विद्युत फ्लक्स शून्य होता है।

गाउस प्रमेय का अनुप्रयोग:.    

 समान रूप से आवेशित गोलीय कोश के कारण विद्युत क्षेत्र

  1. जब प्रेक्षण बिंदु कोश बाहर हो अर्थात (r>R)तो        E=1/4πε₀(q/r²)   or E=σ/ε₀(R/r)


      2. जब प्रेक्षण बिंदु गोलिय कोश के पृष्ठ पर हो (अथार्तr=R) तो

             E=1/4πε₀(q/R²)  or E=σ/ε₀

      3. जब प्रेक्षण बिंदु गोलीय कोश के अंदर हो (अर्थातr<R)

              E=1/4πε₀  0/R² =0

 proof of gauss law using coulomb's law( गुलाम नियम से गाउस की उत्पत्ति): 

   माना बिंदु 0 पर एक धन आवेश  q स्थित है जो एक स्वेच्छ आकार के बंद पृष्ठ में परीबंध्द है।

 पृष्ट के किसी क्षेत्रफल अल्पांश ds, जिसकी आवेश से दूरी rहै पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता कूलाम नियम से

         E=1/4πε₀(q/r²)


अतः अल्फांस क्षेत्रफल से संबंध विद्युत फ्लक्स

  d Φₑ=E ds cosθ=E=1/4πε₀(q/r²)


अतः संपूर्ण बंद  पृष्ट से संबद्ध कुल विद्युत फ्लक्स

         Φₑ=∫ₛ1/4πε₀(q/r²)ds  cosθ


      =q/4πε₀(q/r²)∫ₛ ds cosθ/r₂

         ds cosθ/r²=dφ

        Φₑ=q/4πε₀∫dφ=4πq/4πε₀

(∫dφ=4π)

         

          Φₑ⁼q/ε₀


 What is Continuous Charge Distribution (सतत आवेश वितरण):.          सूक्ष्म पैमाने पर आवेश क्वांटिकृत होता है। परंतु कई बार इस प्रकार की परिस्थितियां होती हैं की बहुत संख्या में आवेश परस्पर इतने निकट होते हैं कि उन्हें सतत रूप से वितरित माना जाता है ऐसे आवेश वितरण में आवेश किसी रेखा के अनुदेश वितरणो आवेश कितनी बड़ी संख्या में विद्यमान हो सकते हैं। इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है की किसी छड़ जिस पर1nC मात्रा का आवेश अल्प होता है लगभग बिंदु आवेश उपस्थित होते हैं इस आवेश वितरणो के कारण यद्यपि किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की गणना आवेश वितरण के प्रत्येक बिंदु आवेश के कारण अभीष्ट बिंदु पर कुलांम नियम की सहायता से विद्युत क्षेत्र ज्ञात करें तथा फिर समस्त बिंदु आवेशों के कारण विद्युत क्षेत्रों का सदिश योग ज्ञात कर फिर समस्त बिंदु आवेश के कारण विद्युत क्षेत्रों का सदिश योग ज्ञात करें विद्युत क्षेत्र परिकलन सिद्धांत संभव है पर बहु संख्या मैं आवेशों की उपस्थिति उसे निराशाजनक रूप से जटिल बना देती है इस प्रकार की परिस्थितियों में हम हमेशा आवेश को सतत मानते हुए आवेश घनत्व की अवधारणा काम लेते हैं एवं फलन विधि से विद्युत क्षेत्र ज्ञात कर सकते हैं आवेशों को एक स्टेप आवेश घनत्व के रूम में मानना ठीक उसी प्रकार है जैसे हम वायु जो अनु से बनी है

यदि किसी वस्तु पर नेट आवेश क्यों है तब हम उसे कई सूक्ष्म अयो डीपी में बांटते हैं प्रत्येक अवयव के लिए कुछ लंबाई कुछ क्षेत्र फल अथवा कुछ आयतन होता है जो इस प्रकार निर्भर करता है की वितरीत आवेश है । तब हम को अवयव के माप एवं आवेश घनत्व के पदों में व्यक्त कर सकते हैं। आवेश वितरण कितनी विमाओ में है। इस आधार पर निम्नलिखित तीन प्रकार के आदेश वितरण

1.     Linear Charge Distribution( रेखीय आवेश वितरण:).          यदि चालक तार छड तार के रूप में हो और उस पर आवेश की लंबाई के अनुदिश एक समान रुप से वितरित हो रेखा आवेश वितरण कहलाता है।

2.      एकाकं लंबाई में उपस्थित आवेश की मात्रा को रेखिय आवेश घनत्व गए थे।

          λ=q/L        Unit=           C/m

  Surface Charge Distribution( पृष्ठीय आवेश वितरण ): यदि किसी वस्तु के पृष्ठीय क्षेत्रफल पर एक समान रूप से आवेश वितरित हो यह पृष्टीय आवेश वितरण कहलाता है।

      σ=q/A             Unit    =   C/m²


एकांक पृष्ठीय क्षेत्रफल मैं उपस्थित आवेश की मात्रा पृष्टीय आवेश घनत्व कहलाता है।

3.         Volume Charge Distribution (आयतन आवेश वितरण):-यदि किसी वस्तु के आयतन पर एक समान रूप से आवेश वितरित हो यह आज इतनी आवेश वितरण कहलाता है इसे आयतनिय आवेश घनत्व द्वारा व्यक्त किया जाता है।

यह काम का आयतन में उपस्थित आवेश की मात्रा को आयतनिय आवेश घनत्व कहते हैं।

              ρ=q/V        Unit=       c²/m²